महिला आयोग के पास आते हैं घरेलू हिंसा के सर्वाधिक मामले, पड़ौसियों के साथ झगड़ा दूसरे नंबर पर

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नयी दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग को पिछले एक साल में महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर 6.30 लाख से अधिक कॉल मिले और अन्य राज्यों से भी 11 हजार से अधिक मामले प्राप्त हुए। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2022 से जून 2023 तक उसके 181 महिला हेल्पलाइन नंबर पर 6,30,288 मामले आए, जिसके जरिए 92 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। पड़ोसियों के साथ संघर्ष के 9,516 मामले, बलात्कार और यौन उत्पीड़न के 5,895 , पॉक्सो के 3,647 , अपहरण के 4229 और साइबर अपराध के 3,558 मामलों के साथ घरेलू हिंसा के सर्वाधिक 38,342 मामले शामिल हैं।

आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक आयोग को उसके हेल्पलाइन नंबर पर 1,552 लापता की शिकायतें भी मिलीं। इसके अलावा दहेज उत्पीड़न के 2,278, चिकित्सा लापरवाही के 790, सेक्स रैकेट के 156, तस्करी के 40, बाल विवाह के 69, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के 67, बाल श्रम के 66, अवैध शराब, ड्रग्स के 63, 54 मामले प्राप्त हुए। इसके अलावार सेवा संबंधी 1319 , संपत्ति विवाद के 421 , पुलिस उत्पीड़न के 354 , आश्रय गृहों के 348, महिलाओं पर खतरनाक हमले के 298 मामले और चोरी के 235 मामले मिले। सबसे अधिक 2976 मामले दिल्ली के नरेला क्षेत्र से दर्ज किए गए, इसके बाद भलस्वा डेयरी से 1651, बुराड़ी से 1523, कल्याणपुरी से 1371 और जहांगीरपुरी क्षेत्र से 1221 मामले दर्ज किए गए।

आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “पिछले सात वर्षों में हमें 40 लाख कॉल प्राप्त हुई हैं और एक वर्ष में हमने हेल्पलाइन पर 6.3 लाख से अधिक कॉलों का समाधान किया और इन कॉलों पर 92,000 से अधिक मामले दर्ज किये गये। हम यह रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को भेजेंगे और राजधानी में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को संबोधित करने में उनका सहयोग मांगेंगे।

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