UP के DGP विजय कुमार ने प्रदेश के अधिकारियों को हिंदू पंचाग के आधार पर चंद्रमा की गतिविधि के हिसाब से ड्यूटी करने का आदेश दिया है। साथ ही जनता को भी इसी आधार पर सतर्क रहने की सलाह दी है। कुमार ने पिछली 14 अगस्त को सभी वरिष्ठ पुलिस अफसरों को भेजे गये सर्कुलर में कहा है कि वे कैसे चंद्रमा की ‘कलाओं’ के आधार पर पुलिसिंग करें। चंद्रमा की कलाओं को जानने के लिये सबसे आसान तरीका हिंदू पंचांग है।
उन्होंने अपने इस परिपत्र पर विस्तार से बात करते हुए सोमवार को जारी एक वीडियो में बताया कि आम जनता को भी यह जानना इसलिये जरूरी है ताकि उसे पता रहे कि अपराधी किस वक्त अपनी गतिविधियां करते हैं। DGP ने एक चार्ट के माध्यम से इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि किस तारीख को चंद्रमा कितने बजे उगता और अस्त होता है। रात कब आंशिक रूप से और कब बिल्कुल अंधेरी होती है। जनता को जानना चाहिये ताकि वह सतर्क रहे और पुलिस को भी यह जानना चाहिये ताकि वह उस समय सबसे ज्यादा मुस्तैद रहे।
उन्होंने चार्ट के जरिये चांद की गतिविधियों के बारे में बताते हुए कहा, 16 अगस्त को अमावस्या का समय था। इसमें चंद्रमा का उदय सुबह छह बजे होता है और शाम छह बजे वह अस्त हो जाता है। इसका मतलब 16 अगस्त को पूरी रात बिल्कुल अंधेरा होता है। उस वक्त पूरी रात अपराधियों के लिये बड़ी मुफीद होती है। DGP ने बताया कि 24 अगस्त को चांद शाम को छह बजे से रात 12 बजे अस्त हो जाता है। यानी कि रात 12 बजे से सुबह छह बजे तक अंधेरी रात होती है जिसमें अपराधी अपना काम करते हैं।
पूर्णमासी के बाद जो सप्तमी आती है, उससे लेकर अमावस्या की सप्तमी के बीच का समय अपराधियों के लिये बड़ा उपयुक्त है। इस बात को जानने के लिये हिंदू पंचांग का प्रयोग कर सकते है। कुमार ने कहा, ”यह पंचांग बताता है कि किस रात में अमावस्या है, कब शुक्ल पक्ष और कब कृष्ण पक्ष की सप्तमी है। इसी के बीच पुलिस को विशेष रूप से सतर्क रहना है। जनता को भी यह जान लेना चाहिये कि कब अपराधी ज्यादा सक्रिय होते हैं। इस सर्कुलर का यही उद्देश्य था।