ताऊ ने तीन साल की बच्ची को खिलाने के बहाने घर ले जाकर दुष्कर्म किया। मामले का पता चलते ही ताऊ को अरेस्ट कर लिया गया। कोर्ट में मामला चला। अदालत ने मामले को बहुत गंभीर माना और ताऊ को फांसी की सजा सुना दी। जज ने कहा डायन भी सात घर छोड़ देती है। दोषी ने तो अपना ही घर नहीं छोड़ा। जज ने कहा कि ऐसे नर पिशाच समाज के लिये घातक हैं। मामला उप्र के हरदोई का है।
अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए सोमवार को दुष्कर्मी ताऊ को फांसी और एक लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। फैसला दो साल में आया है। मामला सांडी थाने के एक गांव का है। साल 2022 में 28 जुलाई की शाम को आरोपी अपने भाई के घर पहुंचा। वहां उसकी तीन साल की बच्ची खेल रही थी। मां घरेलू काम-काज निपटा रहीं थी। इस बीच ताऊ ने खिलाने के लिए बच्ची को गोद में उठा लिया। आरोपी बच्ची को अपने घर ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। उस घिनौनी हरकत किए जाने से बच्ची बेहोश हो गईबच्ची की मां ने उसकी हालत देखी तो उसके होश उड़ गए। मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने फरार ताऊ को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था।
मामला मोहम्मद नसीम अपर सत्र न्यायाधीश संख्या-14 (पॉक्सो) में चल रहा था। अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद नसीम ने गवाहों और सबूतों के आधार पर दो साल में सुनवाई पूरी करते हुए आरोपी ईश्वर पाल उर्फ ईशू को मुल्जिम ठहराते हुए उसे फांसी और एक लाख का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।
मासूम नरपिशाच के बहशीपन को अब तक झेल रही है। अभी भी बच्ची की हालत ठीक नहीं है और लखनऊ में बच्ची का इलाज चल रहा है।