रखैल, वेश्या और बदचलन जैसे शब्दों पर लगेगी कानूनी रोक … हाउस वाइफ पर भी ब्रेक

0
294

छेड़छाड़, वेश्या और हाउस वाइफ जैसे शब्द जल्द ही कानूनी शब्दावली से बाहर हो सकते हैं और इसकी जगह सड़क पर यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृह स्वामिनी (होममेकर) जैसे शब्द ले सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक पुस्तिका का विमोचन किया जिसमें अनुचित लैंगिक शब्दों की शब्दावली है और इनकी जगह वैकल्पिक शब्द तथा वाक्यांश सुझाए गए हैं जिनका उपयोग किया जा सकता है। जैसे ही प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ पूर्ववर्ती राज्य जम्मू – कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बहस सुनने के लिए बैठी, सीजेआई ने पुस्तिका के विमोचन की घोषणा की।

अनुचित लैंगिक शब्दों पर लगाम लगाने के लिये हैंडबुक जारी की

उन्होंने कहा, यह न्यायाधीशों और कानूनी समुदाय को कानूनी चर्चा में महिलाओं के बारे में रूढ़िवादी सोच को पहचानने, समझने और बदलने में सहायता करने के लिए है। एक प्रेस विज्ञप्ति में, शीर्ष अदालत ने कहा कि हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स का उद्देश्य न्यायाधीशों और कानूनी समुदाय के सदस्यों को महिलाओं के बारे में हानिकारक रूढ़िवादी सोच को पहचानने, समझने और उसका प्रतिकार करने के लिए सशक्त बनाना है। पुस्तिका में लैंगिग रूप से अनुचित शब्दों की एक शब्दावली दी गई है और दलीलों, आदेशों और निर्णयों सहित कानूनी दस्तावेजों में उपयोग के लिए उनके वैकल्पिक शब्द और प्रस्तावित वाक्यांश दिए गए हैं। 30 पन्नों वाली पुस्तिका महत्वपूर्ण मुद्दों, विशेषकर यौन हिंसा से जुड़े मुद्दों पर प्रचलित कानूनी सिद्धांत को भी समाहित करती है। पुस्तिका में कहा गया है कि “मायाविनी”, “वेश्या” या “ बदचलन औरत” जैसे शब्दों का उपयोग करने के बजाय “महिला” शब्द का उपयोग किया जाना चाहिए। इसमें “देह व्यापार” और “वेश्या” जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है और कहा गया है कि इसके स्थान पर “यौन कर्मी” शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। “सहवासिनी या रखैल” जैसे शब्दों का उपयोग करने के बजाय, “वह महिला जिसके साथ किसी पुरुष ने शादी के बाहर प्रेम संबंध या यौन संबंध बनाए हैं” अभिव्यक्ति का उपयोग किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि “छेड़छाड़” शब्द को अब “सड़क पर यौन उत्पीड़न” कहा जाएगा, इसमें कहा गया है कि “समलैंगिक” शब्द के बजाय, व्यक्ति के यौन रुझान का सटीक वर्णन करने वाले शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। “गृहिणी” (हाउस वाइफ) शब्द की जगह और विधिक विमर्श में “गृह स्वामिनी” (होममेकर) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि “नाजायज” शब्द के बजाय “गैर-वैवाहिक संबंधों से पैदा हुआ बच्चा या, ऐसा बच्चा जिसके माता-पिता विवाहित नहीं थे” शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here