love marriage : गोरी मेम से कॉफी हाउस में मुलाकात, फिर प्यार और अब शादी। ये कहानी है UP के शाहजहांपुर के गांव उदना निवासी किसान बल्देव सिंह के 28 वर्षीय बेटे सुखजीत की। दक्षिण कोरिया की किम बोह नी ने शुक्रवार को तराई के गांव में आकर सिख धर्म के रीति रिवाज से शादी की है। तीसरे दिन रविवार को पारिवारिक परंपरा के अनुसार दोनों ने संगे संबंधियों के साथ नानकमता जाकर माथा टेका और वहां से उत्तराखंड की सैर पर निकल गए।
सीमा हैदर के बाद किम बोह नी की चर्चा
इन दिनों जहां पाकिस्तानी सीमा हैदर और हिंदुस्तानी सचिन की प्रेम कहानी चर्चा में है। वहीं अब दक्षिण कोरिया की किम बोहनी भी देसी गबरू से शादी करने शाहजहांपुर आई। उसने पुवायां के गुरुद्वारे में सिख परंपरा के अनुसार शादी रचाई। सुखजीत छह वर्ष पहले काम की तलाश में दक्षिण कोरिया गया था। वह बुसान के एक कॉफी हाउस में काम करता था। वहीं एक दिन उसकी मुलाकात देगू की 30 वर्षीय किम बोह नी से हुई। वह भी वहीं बिलिंग सेक्शन में काम करती थी। पहली मुलाकात में ही दोनों में प्यार हो गया। परिवार वालों ने भी दोनों के प्रेम को स्वीकार कर लिया। चार माह पहले सुखजीत भारत लौट आया तो पीछे से किम बोह नी भी तीन महीने के दूरिस्ट वीजा पर भारत आ गई। 18 अगस्त को दोनों की पुवायां के एक गुरुद्वारा में शादी हो गई।
सिर्फ कोरियन बोल पाती है किम बोह नी
गांव उदना निवासी बलदेव सिंह और हरजिंदर कौर के दो बेटे हैं। बड़े बेटे सुखजीत सिंह को बचपन से ही विदेश घूमने का शौक था। इसी शौक में वह काम की तलाश में दक्षिण कोरिया चला गया। उसने वहां कोरियन भाषा भी सीख ली। सुखजीत बताते हैं दक्षिण कोरिया में भारतीयों का बहुत सम्मान है। चार साल तक वह अपने परिवार वालों और ससुराल वालों की सहमति से लिव इन रिलेशनसिप में रहने के बाद भारत चला आया। अब किम बोह नी भी यहां आ गई और उन लोगों ने परंपरानुसार शादी कर ली है। वह बताते हैं कि उनकी पत्नी सिर्फ कोरियन बोल पाती है। टूटी फूटी हिंदी और पंजाबी बोल लेती है। पत्नी की बात को परिवार वालों को बताने के लिए वह खुद दुभाषये का काम करते हैं।