जी हां। ये सच है। माता पिता की सेवा से सरकार खुश हुई तो आपको मिल सकते हैं पूरे 15 लाख। सिक्किम सरकार ने अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने वाले बेटे-बेटियों के लिए “श्रवण कुमार पुरस्कार” शुरू किया है। यह पुरस्कार बृहस्पतिवार को अधिसूचित किया गया। इस पुरस्कार का नाम पवित्र ग्रंथ रामायण के एक पात्र श्रवण कुमार के नाम पर रखा गया है। श्रवण कुमार अपने अंधे और बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करते थे। कथा के अनुसार एक बार श्रवण कुमार अपने माता-पिता के लिए तालाब से पानी ले रहे थे, उसी दौरान राजा दशरथ ने उन्हें जानवर समझ तीर चलाकर जान ले ली थी। राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, समाज कल्याण विभाग को पुरस्कार के संबंध में नियम और दिशानिर्देश तैयार करने के लिए नोडल विभाग बनाया गया है। अधिसूचना के अनुसार प्रथम पुरस्कार विजेता को 15 लाख रुपये, दूसरे विजेता को 10 लाख रुपये और तीसरे विजेता को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। यह पुरस्कार स्वतंत्रता दिवस पर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने दो दिन पहले अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान इस पुरस्कार की घोषणा की थी।