आपको कोई मिल गया मूवी का जादू तो याद होगा ही। जिस तरह से वह दूसरे ग्रह से आया और यहां आकर चमत्कार दिखाए, ये बातें कोरी कल्पना ही लगती है। हो क्यों न, वैज्ञानिक इसको नकारते ही आ रहे थे। मगर अब नासा ने दूससे ग्रहों पर भी जीवन की सच्चाई को स्वीकार कर लिया है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अज्ञात उड़न तश्तरियों (यूएफओ) के अध्ययन के लिए नई वैज्ञानिक तकनीक जरूरी होंगी जिनमें आधुनिक उपग्रह शामिल हैं। नासा ने यूएफओ पर एक साल तक चले अध्ययन के बाद ये रिपोर्ट जारी की। नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि उनका मानना है कि ब्रह्मांड में अन्य जीवन (एलियंस) भी हैं। नासा ने यह भी कहा कि वह यूएपी में अनुसंधान के लिए एक नए निदेशक की नियुक्ति कर रहा है, क्योंकि एक विशेषज्ञ पैनल ने अंतरिक्ष एजेंसी से उनके बारे में जानकारी इकट्ठा करने के अपने प्रयासों को बढ़ाने का आग्रह किया है।
रिपोर्ट में नासा की ओर से कई अहम खुलासे किए गए हैं। एजेंसी ने माना है कि पृथ्वी के अलावा भी अन्य जीवन है। लंबे समय से दुनियाभर के लोगों की अज्ञात उड़ने वाली वस्तुओं (यूएफओ ) को लेकर खासी दिलचस्पी रही है। 33 पन्नों की रिपोर्ट जारी करते हुए, नासा ने कहा कि यूएफओ की स्टडी के लिए नई वैज्ञानिक तकनीकों की जरूरत होगी, जिसमें मॉडर्न सैटेलाइट्स के साथ-साथ अज्ञात उड़ने वाली वस्तुओं को देखने के तरीके में बदलाव भी शामिल होगा। दिलचस्प बात यह है कि यह रिपोर्ट मैक्सिकन संसद में एलियंस के कथित ममीकृत शवों को दिखाए जाने के कुछ ही दिनों बाद आई है, जो 1,000 साल पुराने माने जाते हैं।
नासा ने एक स्वतंत्र दल को यह काम सौंपा था जिसने अपनी 33 पन्नों की रिपोर्ट में आगाह किया है कि यूएफओ को लेकर नकारात्मक धारणा इस बारे में जानकारी एकत्रित करने में बाधक बन रही है। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि नासा के शामिल होने से इस बारे में नकारात्मकता को दूर करने में मदद मिलेगी। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने इस दिशा में पारदर्शी प्रयासों का वादा किया।
नासा ने कहा कि इस बिंदु पर यह निष्कर्ष निकालने का कोई कारण नहीं है कि मौजूदा यूएपी/यूएफओ रिपोर्ट का कोई अलौकिक स्रोत है। यूएपी को आमतौर पर यूएफओ भी कहा जाता है। हालांकि नई रिपोर्ट में यूएपी को हमारे ग्रह के सबसे महान रहस्यों में से एक बताया गया है। नासा का कहना है कि यूएफओ के इतने कम हाई क्वालिटी वाले ऑब्जर्वेशन हैं कि कोई वैज्ञानिक निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई दृश्यों के बावजूद, सुसंगत, विस्तृत और क्यूरेटेड अवलोकनों की अनुपस्थिति का मतलब है कि वर्तमान में हमारे पास यूएपी के बारे में निश्चित, वैज्ञानिक निष्कर्ष निकालने के लिए आवश्यक डेटा नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नासा के उपग्रहों के बेड़े में आमतौर पर यूएपी जैसी अपेक्षाकृत छोटी वस्तुओं का पता लगाने के लिए स्थानिक रिज़ॉल्यूशन की कमी होती है। उनके अत्याधुनिक सेंसर का इस्तेमाल सीधे स्थानीय पृथ्वी, महासागर की स्थिति की जांच करने के लिए किया जा सकता है।