हाईकोर्ट ने कहा- एनसीआर से बाहर भेजो या निजी पार्किंग में खड़ी करो पुरानी कारें

0
410

दिल्ली उच्च न्यायालय ने परिचालन की अवधि पूरी कर लेने वाले वाहनों को उनके मालिकों से एक शपथपत्र लेकर छोड़ने का मंगलवार को निर्देश दिया कि वे उन्हें हमेशा के लिए निजी पार्किंग क्षेत्र में खड़ा कर देंगे या उन्हें NCR से बाहर भेज देंगे। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करने पर प्राधिकारियों द्वारा कारों को जब्त किए जाने के खिलाफ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।

अदालत ने पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों के 15 साल पूरे होने तथा डीजल से चलने वाले वाहनों के 10 साल पूरा होने के बाद उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। अदालत ने दिल्ली सरकार से ऐसे वाहनों से निपटने के लिए एक नीति बनाने को कहा जिनके मालिक यह आश्वासन देना चाहते हैं कि वे इन वाहनों का यहां इस्तेमाल नहीं करेंगे। उसने इस नीति का उचित प्रचार करने का भी निर्देश दिया। उसने कहा कि इस नीति का उद्देश्य कारों को जब्त करना नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय राजधानी प्रदूषण मुक्त हो।


उच्च न्यायालय ने कहा, याचिकाकर्ताओं की शिकायतों से एनजीटी और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के क्रियान्वयन के साथ संतुलन बनाकर निपटा जा सकता है जिसके तहत मालिकों को यह शपथपत्र देने का निर्देश देकर वाहनों को छोड़ा जा सकता है कि वे NCR से अपने वाहन हटा लेंगे और उन्हें प्रदेश के सार्वजनिक स्थलों पर खड़ा नहीं करेंगे या सड़कों पर नहीं चलाएंगे। खड़ी कारों के लिए याचिकाकर्ता एक शपथपत्र देंगे कि वे उन्हें सार्वजनिक पार्किंग स्थलों पर खड़ा नहीं करेंगे।

न्यायमूर्ति जालान ने कहा कि मालिकों द्वारा शपथपत्र का उल्लंघन करने पर अदालती कार्रवाई की जाएगी। याचिकाकर्ताओं में से एक ने दलील दी कि उनके लिए काफी भावनात्मक अहमियत रखने वाली उनकी कार को प्राधिकारियों ने इस साल की शुरुआत में अवैध तरीके से और बिना कोई पूर्व नोटिस दिए जब्त कर लिया था जबकि गाड़ी उनके घर के बाहर खड़ी थी।

याचिकाकर्ता की ओर पेश वकील पीयूष शर्मा और आदित्य एन प्रसाद ने बताया कि वह वर्ष 2000 में खरीदी अपनी कार नहीं चला रही थीं और उनकी इसे इलेक्ट्रिक कार में बदलने की योजना थी। इसी तरह, एक अन्य याचिकाकर्ता ने अपनी 12 साल पुरानी डीजल कार जब्त किए जाने को चुनौती देते हुए कहा कि यह ‘‘मरम्मत और अन्य इलेक्ट्रिक काम के लिए खड़ी थी जो कार को किसी अन्य राज्य में भेजने के लिए आवश्यक था।’’ दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को विभाग के सचिव-सह-आयुक्त को निर्देश दिया कि वे सड़क पर अपनी निर्धारित अवधि पूरी कर लेने के बाद खड़े किए गए वाहनों को जब्त करने और उन्हें नष्ट करने के लिए भेजने का काम बंद कर दें। अगर ऐसे वाहन सड़कों पर चलते पाए जाते हैं तो उनके मालिकों पर जुर्माना लगाया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here