ग्रेटर नोएडा में कारोबारी के इकलौते बेटे की अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी। 11 वीं का छात्र वैभव सिंघल सात दिन से लापता था। मुठभेड़ में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद वैभव की हत्या का खुलासा हुआ। व्यापारी और सामाजिक संगठन पिछले सात दिन से वैभव की बरामदगी के लिए पुलिस पर दबाव बनाये हुए थे। पुलिस अभी तक वैभव का शव बरामद नहीं कर सकी है। पुलिस का कहना है कि दोनों हत्यारोपी छात्र के दोस्त थे। हत्या के खुलासे के बाद व्यापारी और वैश्य संगठनों में रोष फैल गया। व्यापारियों और परिजनों ने एकत्र होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और जाम लगाकर पुलिस कार्यप्रणाली पर रोष जताया।
एसीपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बिलासपुर में रहने वाले अरुण सिंघल ने 30 जनवरी को थाना दनकौर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 11वीं कक्षा में पढ़ने वाला उनका बेटा वैभव सिंघल लापता है। बुधवार शाम को थाना दनकौर पुलिस लापता वैभव की तलाश में छानबीन कर रही थी, तभी सूचना मिली कि उसे अगवा कर उसकी हत्या करने के दो आरोपी धनोरी से सक्का गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर हैं।
पुलिस ने उनकी घेराबंदी की। पुलिस से अपने आप को घिरा देख आरोपियों ने पुलिस पर जान से मारने की नीयत से गोली चलाई। उन्होंने बताया की जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई। अपर उपायुक्त ने बताया कि पुलिस द्वारा चलाई गई गोली एक आरोपी माज पठान निवासी कस्बा बिलासपुर के पैर में लगी है। उसकी उम्र 19 वर्ष है, जबकि इसका साथी नाबालिग था। उसे भी पुलिस ने पकड़ लिया है। उन्होंने बताया कि इनके पास से देसी तमंचा, कारतूस तथा वैभव का एप्पल मोबाइल फोन बरामद हुआ है।
दोनों ने वैभव की हत्या करने की बात कबूल की। हत्यारोपियों ने पुलिस को बताया कि वेभव और माज पठान आपस मे दोस्त थे। इनके बीच एक महिला की फोटो को सोशल मीडिया पर साझा करने को लेकर विवाद हुआ था। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने वैभव की हत्या कर उसके शव को खेरली नहर में फेंकने की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि पुलिस शव को बरामद करने का प्रयास कर रही है।
सोलह वर्षीय वैभव सिंघल के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों ने बुधवार को स्थानीय पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया और बिलासपुर शहर के कई व्यापारियों ने घटना के खिलाफ दुकानें बंद कर दीं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वैभव की हत्या के बाद वैश्य संगठनों में पुलिस के प्रति रोष है। गुरुवार को नोएडा वैश्य संगठन, वैश्य एकता मंच आदि कई जिलों के संगठनों ने बिलासपुर चौकी पहुंचकर विरोध प्रदर्शन की बात कही है। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते सख्त कार्रवाई करती तो वैभव की जान बच सकती थी। कुछ संगठन पुलिस के खुलासे पर भी सवाल उठा रहे हैं।